SCAM IN INDORE NAGAR NIGAM: डमी फर्म्‍स से एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने किया पांच करोड़ रुपये का गबन, दो नई FIR दर्ज

Scam in Indore Nagar Nigam नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। ड्रेनेज घोटाले की जांच में दो फर्मे भी जुड़ गई है। क्रिस्टल इंटरप्राइजेज और ईश्वर इंटरप्राइजेज के नाम से पंजीकृत इन फर्मों से एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय राठौर ने पांच करोड़ रुपये का गबन किया है। शुक्रवार को एमजी रोड़ पुलिस ने निगम अफसरों की शिकायत पर दोनों फर्मों के संचालकों पर दो नई एफआईआर दर्ज कर ली।

टीआइ विजयसिंह सिसोदिया के मुताबिक पुलिस इसके पूर्व में दर्ज चार प्रकरणों में आरोपी ठेकेदार मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद साजिद, राहुल बढ़ेरा, रेणु बढ़ेरा, सब इंजीनियर उदय भदौरिया, ऑपरेटर चेतन भदौरिया, लिपिक राजकुमार सालवी की गिरफ्तारी ले चुकी है। पूछताछ के दौरान ही दोनों नई फर्मों की जानकारी मिली थी।

नगर निगम अफसरों ने स्वयं संज्ञान लेते हुए संचालक इमरान खान (क्रिस्टल) निवासी जूनी कसेरा बाखल और मौसम व्यास (ईश्वर) निवासी पलसीकर काॅलोनी के खिलाफ केस दर्ज करवाया। दोनों फर्मों में 5 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। टीआइ के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि मास्टर माइंड अभय राठौर है जो डमी फर्म बनवा कर खेल कर रहा था। उधर पुलिस ने 10 हजार रुपये के इनामी ईई अभय राठौर के तीन बैंक खातों को फ्रीज करवाया है। हालांकि इन खातों में सिर्फ साढ़े तीन करोड़ रुपये ही जमा है।

40 बैंक खाते और करोड़ों के मकान-प्लाट मिलने पर भी कैसे लगाया खात्मा

घोटाले का मास्टरमाइंड अभय राठौर नेता-अफसरों की मिलीभगत से ही फर्जीवाड़ा कर रहा था। उसकी पकड़ का अंदाजा ईओडब्ल्यू में दर्ज केस से लगाया जा सकता है। करोड़ों की बेनामी संपत्ति उजागर होने के बाद भी राठौर ने अफसरों से सांठगांठ इस केस में खात्मा लगवाया था। ईओडब्ल्यू में पदस्थ रहे एएसपी स्तर के उन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है जो केस की विवेचना में शामिल थे।

आर्थिक अपराध ब्यूरो ने छह साल पूर्व अभय राठौर के ठिकानों पर छापे मारे थे। जांच के दौरान 40 बैंक खाते, 19 करोड़ की जमीन,16 करोड़ के प्लाॅट मिले जो रिश्तेदारों के नाम से खरीदे थे। अफसरों ने उन आय के स्त्रोत के आधार पर बेनामी संपत्ती घोषित की और राठौर के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया। राठौर ने अमित सिंह राठौर के नाम से कैलोद हाला में और राकेश सिंह (जीजा) के घर से भी दस्तावेज निकाले। इस दौरान कोरी रसीदें मिली जिनसे टैंकरों का फर्जी भुगतान करवाया जाता था। इसके बाद भी ईओडब्ल्यू ने गोपनीय ढंग से केस में खात्मा लगा दिया।

2024-05-04T04:02:04Z dg43tfdfdgfd